( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 137    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

राजस्थान की लोकषब्दावली में वस्त्र-निर्माण, उपयोग एवं तकनीकः एक अध्ययन

    1 Author(s):  ALKA RANI

Vol -  10, Issue- 5 ,         Page(s) : 303 - 308  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

मानव एक सामाजिक प्राणी है। जिसकी स्वयं की एक सांस्कृतिक चिन्तनधारा रही है। मानव जाति के सभी प्रकार की कला-कौशल, विकास पथ पर अगे्रषित होने वाले प्रत्येक सोपान में उसकी बौद्धिक चेतना निरन्तर विकसित होती रही है। यही विकासात्मकप्रवृत्ति ने मानव जाति को सभी दृष्टियों से विकसित किया है। मानव का समस्त भौतिक उत्थान उसकी आवश्यकता पूर्ति का ही कार्य नही, अपितु वह इससे इतर अपने सांस्कृतिक परिवेश को एक आर्दश रूप देने का प्रयास भी करता है। अपने ज्ञान एवं कला-कौशल से चिन्तन और उसके समन्वयसे मानव जाति के जीवन को सहज और सुलभ बनाने हेतु निरन्तर प्रयासरत रहा है। मानव अपने ज्ञान एवं कला-कौशल से जिस प्रकार भौतिक उत्थान करता रहा साथ ही साथ वह एक सांस्कृतिक परिवेश भी घटित करता रहा जो उसकी समस्त बौद्धिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला था। जिसमें मानव के समस्त काया प्रयोजन, धर्म न्याय, आचार-विचार, खान-पान और जीवन से जुड़ी आवश्यकताएँ थीं।

1. द्विवेदी, डा0 हजारी प्रसाद. अशोक के फूल, पृ. 64.
2. डा0 सत्यकेतु. भारतीय संस्कृति एवं उसका इतिहास, पृ. सं. 9.
3- Telar, Edward B. Primiviteve culture, Page No. 1
4- Blachand H.L. Trages Outlines of linguistic Analysis, Page No. 5. 
5. मार्शल, जे. मोहन जोदड़ो एण्ड इट्स सविलाईजैशन, पृ. सं. 33
6. मैके, इ. अर्ली इण्डस सविलाइजेसनपृ. सं. 13
7.  जावलिया, ब्रजमोहन. राजस्थानी लोक षब्दावली, पृ. सं. 3011.
7. अग्रवाल, वासुदेवशरण. हर्षचरित्रः एक सांस्कृतिक अध्ययन, पृ. सं. 77
8. हेमचन्द्र, आचार्य. देशीनाममाला,(2/65).

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details