International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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पालि साहित्य में दान पारमिता : एक अनुशीलन
1 Author(s): SUNITA SINHA
Vol - 12, Issue- 6 , Page(s) : 263 - 267 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
आदि काल से ही भारत वर्ष मनिषियों का जन्म एवं ज्ञान स्थल रहा है। ज्ञानियों के साथ-साथ महादान कर्ता का भी प्रादूर्भाव समय-समय पर होता रहा है। यहाँ तक कि याचक (लेनेवाला) हार जाता है परन्तु दाता (देने वाला) नहीं। पालि साहित्य में ऐसा ही महामानव ‘सिद्धार्थ‘ का प्रार्दूर्भाव हाता है, दानियों में सर्वश्रेष्ठ थे।