हिन्दी काव्य में नारी का अस्तित्व
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Author(s):
HEMLATA
Vol - 9, Issue- 1 ,
Page(s) : 220 - 224
(2018 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
नारी ईश्वर की अनुपम देन है। किसी भी सभ्यता व संस्कृति के निर्माण तथा विकास में नारी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। हिन्दी साहित्य के इतिहास से पता चलता है, कि भारत में नारी की पूजा की जाती थी’। ‘मनु स्मृति’ में नारी के संदर्भ में कहा गया है कि ’’यहाँँ स्त्रियाँ संतानोत्पत्ति जैसा बडा उपकार करने के कारण पूजा के योग्य और घरों की शोभा है। घरों में लक्ष्मी और स्त्री दोनों एक समान है इसमें कुछ अन्तर नहीं है। संतान जनना, जने हुए का पालन करना और नित्य का गृहकार्य इनका प्रत्यक्ष कारण स्त्री ही है।
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