भारतीय गिरिमिटिआ श्रमिक प्रणाली के उन्मूलन मे सी0एफ0 एन्ड्रयूज की भूमिका
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Author(s):
AMIT KUMAR SAINY
Vol - 8, Issue- 7 ,
Page(s) : 82 - 88
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
दास प्रथा के उन्मूलन के उपरान्त भारत से अनुबन्ध के तौर पर कृषि मे कार्य करने हेतु पाॅंच वर्षों के लिये श्रमिक ले जाये गये, इन्हे गिरिमिटिआ श्रमिक के नाम से जाना जाता है। इन श्रमिकों का बहुत सी गन्ना कालोनियों मे प्रवास कराया गया था। गन्ना कालोनियों मे इन प्रवासी श्रमिकों के समक्ष अनेक कठिनाईं थी। इन प्रवासी श्रमिकों के साथ एकदम गुलामों के जैसा व्यवहार किया जाता था। गन्ना कालोनियों मे रंगभेद, अनैतिक, अमानवीय अत्याचार इन भारतीय श्रमिकों के साथ बहुत ही किया जाता था। गिरिमिटिआ श्रमिक प्रथा के आरम्भ होने के कुछ वर्षों बाद अधिकतर व्यक्तियों ने इसे अर्ध-गुलामी का नाम दे दिया था। इस आमानवीय प्रथा को बन्द कराने के लिये भारतीयों ने आन्दोलन किया था। ब्रिटेन से मिषनरी षिक्षक के रुप मे सी0एफ0 एन्ड्रयूज भारत मे आये और उन्होने इस अमानवीय प्रथा को देखा, जिससे उन्हे बहुत ही आत्मग्लानि हुई उन्होने कई गन्ना कालोनियों मे डब्लू0डब्लू पियर्सन के साथ जाकर भारतीय गिरिमिटिआ श्रमिकों की वास्तु स्थित की जाॅंच की और अपनी एक स्वतंत्र रिपोर्ट पेष की थी। उन्होने इस अमानवीय प्रथा को बन्द कराने के लिये ब्रिटिष अधिकारियों पर दबाव डाला जिसके फलस्वरुप ब्रिटिष सरकार ने इस प्रथा के समाप्ति की घोषणा की थी। सी0एफ0 एन्ड्रयूज ने इस प्रथा को बन्द कराने मे प्रमुख भूमिका निभाई थी।
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